दिल्ली में बदला मौसम, झमाझम बारिश के बाद सड़क पर सैलाब

दिल्ली के कई हिस्सों में शुक्रवार को हुई बारिश के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. वहीं, भारी बारिश के बाद दिल्ली की सड़कों का हाल बेहाल हो गया है. जगह-जगह जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जनपथ और मिंटो ब्रिज समेत कई जगह सड़कें पानी से लबालब हो गई हैं.

हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक बारिश का यह सिलसिला जारी रहने वाला है. ऐसे में दिल्ली के तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है. मौसम वैज्ञानिकों ने आकाश में बादल छाए रहने और मध्यम बारिश की संभावना जाहिर की है. विभाग के मुताबिक राजधानी में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को दिल्ली में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था. साथ ही बारिश की वजह से निचले क्षेत्रों में पानी भरने और यातायात बाधित होने की चेतावनी भी दी है. आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास मानसून का कम दबाव का क्षेत्र बना रह सकता है.

दिल्ली में अगस्त में अभी तक 213.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है. अगस्त में बारिश के सामान्य स्तर 228.2 मिमी से यह सात प्रतिशत कम है. राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के मौसम की शुरुआत यानी एक जून से अब तक 531.9 मिमी बारिश हुई है जो कि इस अवधि में बारिश के सामान्य स्तर 504.3 मिमी से ज्यादा है.

यमुना का जल स्तर बढ़ा
दिल्ली में यमुना का जल स्तर शुक्रवार सुबह 204.30 मीटर तक पहुंच गया है. पुराने रेल पुल पर शुक्रवार सुबह 9 बजे जलस्तर 204.30 मीटर था. गुरुवार सुबह 10 बजे यह 203.77 मीटर पर था. हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार को और पानी छोड़े जाने की वजह से जल स्तर बढ़ गया. मंगलवार 5 पांच बजे प्रवाह दर 36,557 क्यूसेक थी. पिछले तीन दिनों में यह सर्वाधिक है.

बैराज से पानी राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं. इससे ही दिल्ली को पेयजल मिलता है. हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार सुबह आठ बजे 11, 055 क्यूसेक की दर से पानी यमुना में छोड़ा गया. पिछले दो दिनों में प्रवाह दर 10,000 क्यूसेक से 25,000 क्यूसेक के बीच रही है, जो कि बहुत अधिक नहीं है.  इसलिए, नदी के जलस्तर के नीचे आने की संभावना है.

एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है. नदी का जलस्तर सोमवार को 204.38 मीटर था, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे है. साल 2019 में 18-19 अगस्त को यमुना की प्रवाह दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी और यमुना नदी का जलस्तर 206.60 मीटर पर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 से ऊपर है. दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x